શનિવાર, 2 જાન્યુઆરી, 2010

दोष दे दिया नाखुदा का पर खुद को नाव में बैठने का सलिका न आया,

गुमान मे गये थे इतने डुब की उस परवरदिगार का भी खयाल न आया |


नीशीत जोशी

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