રવિવાર, 31 જાન્યુઆરી, 2010

नही होता



जख्म पे और जख्म का असर नही होता,
बेवफाइ के किस्सोमें वफा का जीक्र नही होता,
अपनो के दिये जख्मो मे खो गये इतना,
अब जख्मो पे कोइ मल्हम का असर नही होता,
आजमा लिया प्यार को बदनाम करनेवालो को,
अब अन्जान राहो मे किसीका एतबार नही होता,
आये थे अकले जहां मे नीकल पडे अकले अब,
कब्र में भी पडे पडे उनका इजहार नही होता ।

नीशीत जोशी

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