શનિવાર, 3 માર્ચ, 2012

तेरी ये आंखे


उफ्फ ! ये तेरी ये आंखे,
मदहोशी,
मतवाली ये आंखे,
सरबती,
कयामत ढाती ये आंखे,
चिलमन में खिला गुलाब सी ये आंखे,
बिस्मील को घायल करती ये आंखे,
जब जब
उसे देखते है,
पीने को ललचाती ये आंखे,
नीली नीली
उफ्फ ! तेरी ये आंखे !

नीशीत जोशी 01.03.12

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