બુધવાર, 14 માર્ચ, 2012
हमे जीने कि वजह मील गयी है
हमे जीने कि वजह मील गयी है!
तेरे ही दिल में जगह मील गयी है!
वो तेरा भुलना,
फिर याद करना,
हमें फिर ढूंढना,
फिर मुश्कुराना,
यही बातो से जीन्दगी जी गयी है,
हमे जीने कि वजह मील गयी है !
वो तेरा बिछडना,
फिर मील जाना,
फूलो कि तरहा,
खिल खिल जाना,
अब जीन्दगी भी गम पी गयी है,
हमे जीने कि वजह मील गयी है !
सपनो में आना,
इश्क को जताना,
गीले सब भूलाके,
मुजे चूम जाना,
ना भूलने कि कसम दी गयी है,
हमे जीने कि वजह मील गयी है !
नीशीत जोशी 'नीर' 09.03.12
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