રવિવાર, 25 માર્ચ, 2012
नाजुक ये दिल
नाजुक ये दिल अश्को में बह जायेगा,
साया भी मेरे बाद ये बात कह जायेगा,
भरोषा रखना अपनी वो मोहब्बत पर,
मेरा हर लम्हा तेरे दर्द को सह जायेगा,
बनाले चाहे एक खुबसुरत महल रेतोका,
समुन्दरी लहेर आयेगी वो ढह जायेगा,
इश्क पे पाबंधी लगानेवालो अब जानलो,
यह मेरा प्यार उसीका हो के रह जायेगा,
लोग तो आज भी रश्क से कहते रहते है,
इश्क में पागल 'नीर', अब यह जायेगा ।
नीशीत जोशी 'नीर’ 24.03.12
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