ગુરુવાર, 8 માર્ચ, 2012
यह कैसी होली आयी रे
होली आयी रे.... होली आयी रे ....
देखो यह कैसी होली आयी रे ....
थी वो प्रहलाद कि होली,
होलीका दहन कि होली,
थी वो कुरुक्षेत्र कि होली,
धर्म अधर्म के बीच की होली,
थी वो राधा-कृष्ण कि होली,
प्यार के रस कि वृदांवन कि होली,
आज है मां-बेटे के बीच कि होली....
आज है भाई-भाई के बीच होली....
आज है दोस्ती दुश्मनी में बदलती होली....
आज है हवस में प्रेम कि होली....
आज है आतंकवादीओ कि होली....
आज है बोम्ब-ब्लास्ट से जलती होली....
आज है संम्बध बीगाडती होली....
आज है खानाखराबी करती होली....
पता नही कहां पहोचायेगी ये होली रे,
होली आयी रे.... होली आयी रे ....
देखो यह कैसी होली आयी रे .... ।
नीशीत जोशी 'नीर' 07.03.12
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