શુક્રવાર, 17 મે, 2013
थोडा जी लेते है
मयखाने जा कर थोडा जी लेते है,
थोड़ी ज्यादा थोड़ी कम पी लेते है,
साकी करती है मदहोश आँखों से,
प्याला छुट जाता है,मूह सी लेते है,
मना लिया है खुदा को पीने के लिये,
ली हुई जिन्दगीको वापस भी लेते है,
लोगोने नाम दे दिया है अब 'शराबी',
उसी नाम की खातिर चल पी लेते है,
आँखों में डूबने की डाली है जो आदत,
इत्मिनान से मजा बेहोशी की लेते है |
नीशीत जोशी 16.05.13
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