
हवा अजीबसी खुश्बू संग लहेरायी है,
उनके आने की खबर जबसे आयी है,
थनगनाते है पाँव,नाचने लगा है मन,
तबसे सारे बदन में रूमानी छायी है,
सिद्दत से बसी थी उदासी अब जायेगी,
मैंने महेफिल आज फिरसे सजायी है,
संभाल लेना,ख़ुशी से कहीं मर न जाए,
जिन्दगी में फिरसे हरियाली छायी है,
उन अधूरे सपने की करनी है बाते पूरी,
दिल में कई सवालों की बौछार आयी है |
नीशीत जोशी 26.05.13
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