શુક્રવાર, 10 મે, 2013
दो किनार॓
दो किनार॓ है उनका मँझर कहाँ?
शाँत है नदी उनकी लहर कहाँ?
चल॓ है नदी क॓ साथ साथ दोनो,
मगर मीलन हो ऎसा सफर कहाँ?
नीकलत॓ है काट क॓ पहाड,जँगल,
ना एक गली मील॓ तब शहर कहाँ?
हरियाली तो है दोनों के चारों और,
पर वो हरियाली उनक॓ अँदर कहाँ?
मीसाल है दोनो प्यारम॓ इन्तजारकी,
यही बात का लोगो प॓ असर कहाँ?
नीशीत जोशी 09.05.13
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