
प्यार करने के जुर्म में एक नाम मेरा होगा,
चाहे हर मोड़ लाख बिछा कोई पहेरा होगा,
मुमकिन हो शायद किसी राह भटक जाए,
नबी बनके राहबर हर मोड़ पे ठहेरा होगा,
माना मुहोब्बत की वो राह होती है कठिन,
बुलंद हौसले से चलते ही प्यार गहेरा होगा,
खामोश रहकर बहोतसे अल्फाझ कह देंगे,
बोलेंगे तब हर एक बात में जिक्र तेरा होगा,
अँधेरी रातका आलम ज्यादा ठहेरता नहीं,
वो रात कटते ही फिर प्यार का सवेरा होगा |
नीशीत जोशी 19.03.13
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