રવિવાર, 13 મે, 2012
वोह कह गये थे
अश्को की छांव में मुद्दत से गुजर रही है जीन्दगी,
जब से वोह कह गये थे लौट आउंगा एक दिन....
अब उनके नाम हमने कर दी है पुरी यह जीन्दगी,
एक बार कहा था तुम्हे अपना बनाउंगा एक दिन....
ईन्तजार में खडे है उसी राह पर जहां छोड गये थे,
कहा था उसने इसी पथ पर ले जाउंगा एक दिन.....
आंखे बंध करने का उसने मसवरा दिया था कभी,
कहा था अपनी नजरो से जहां दिखाउंगा एक दिन....
लब्ज खामोश है मगर दिल उसी का नाम रटे,
कह कर गये थे दिल से जुबा खुलवाउंगा एक दिन.....
नीशीत जोशी 06.05.12
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