ગુરુવાર, 6 ડિસેમ્બર, 2012
ख्वाब को आंसू
हसीं ख्वाब को आंसू, दिखाया न करो,
ता' बीर प्यार की , यूँ जताया न करो,
नादिर तौफा मिला है कुदरत से तुम्हे,
गिले शिकवे से दिल दुखाया न करो,
चाँद भी खिल उठता है, चाँदनी देखके,
अंधेरो के जिक्र से, पल गंवाया न करो,
राहबर माना है, तो हर राह साथ चलना,
शानों पे जो रक्खें, सर को हटाया न करो,
सात समन्दर पार, चले जाए तो क्या?
यादो को सरहदी लकीर, जताया न करो !
नीशीत जोशी
ता' बीर= interpretation of a dream, meaning, attribute
नादिर = rare, precious, wonderful
शानों = shoulder 30.11.12
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