રવિવાર, 16 ડિસેમ્બર, 2012
साकी तेरी आँखों में डूबना चाहता हूँ
साकी तेरी आँखों में डूबना चाहता हूँ,
नशे में चूर हो कर बहकना चाहता हूँ,
पिलाये जाओ तूम जाम पे जाम साकी,
न पिने की वो कसम तोड़ना चाहता हूँ,
रकीब भी देख लेगा पिने का सलीका,
साकी,सभी से दोस्ती करना चाहता हूँ,
आँखों के जाम तू छलकाना छोड़ साकी,
मयखाना पि के खाली करना चाहता हूँ,
लड़खड़ा जो गया तो संभल लेना साकी,
तेरी बाहों में असर छोड़ना चाहता हूँ !
नीशीत जोशी 12.12.12
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