ગુરુવાર, 6 ડિસેમ્બર, 2012
मेरी जब रुखसत होगी
इस जहाँ से मेरी जब रुखसत होगी,
दावा है हसने में तुजे मशक्क़त होगी,
आती रहेगी याद साथ बिताये पल की,
तेरे दर्द में कुछ और भी बरकत होगी,
घेरे रहेंगे अपने लोग तुजे तेरे ही घरमें,
मारेंगे ताना, तुजसे जब फुरक़त होगी,
पहोचोगे पी के अश्क जब कब्र पे मेरी,
दफनायी हुई लाश में भी हरकत होगी,
देखेंगे लोग रुखसत के बाद का मिलन,
दिलो में अपने प्यार की अजमत होगी !
नीशीत जोशी 29.11.12
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