
वक़्त वही है, हालात बदल गये लगते है,
दस्तूर-ए-मुलाक़ात, बदल गये लगते है,
रंज न कर, अपनी तन्हाई से, ए दोस्त,
जवाब वही, सवालात बदल गये लगते है,
मुहोब्बत आज भी बरकरार है जैसी थी,
दिल है वही, जज्बात बदल गये लगते है,
मयकदे जाते जरूर है पर पिते नहीं शराब,
पाँव वही है पर,सबात बदल गये लगते है,
हैरत से आना छोड़ रखा है,सपनों ने यहाँ,
वो रात है वही,जज्बात बदल गए लगते है !!!!
नीशीत जोशी (सबात = stability) 21.12.12
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