શુક્રવાર, 13 સપ્ટેમ્બર, 2013

तस्वीर बनाता हूँ पर नहीं बनती

663px-Marguerite_Gérard_-_Painter_when_painting_a_portrait_of_a_lute_player तस्वीर बनाता हूँ पर नहीं बनती, ये सांस भी तेरे बगैर नहीं चलती, तबस्सुम को देख तसल्ली करली, सजाने हे ख्वाब, शाम नहीं ढलती, दूरी को मिटा दिया हमने ब-खूबी, करीब आकर भी बात नहीं करती, खामोशी से सह गये दर्द-ए-झख्म, जलाया बदन पूरा,रूह नहीं जलती, माना मुहब्बत वास्ते इन्कार नहीं, मुस्कुराती है पर हाँ भी नहीं भरती || नीशीत जोशी 08.09.13

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