શનિવાર, 21 સપ્ટેમ્બર, 2013

हिंदी दिवस पर कोशिश

7640_524813277587899_1417210200_n हिंदी दिवस पर कोशिश अपनी भाषा बड़ी सुहानी है, यही बात हमें बतानी है, दास्ताँ कोई भी हो, भाषा कोई भी हो, बोलनेवालो की जुबाँ, चाहे हो अलग, पर एक ही कहानी है, मीठी हो बोली, कड़वी हो बोली, भाषा बोलनेवालो के, दिल में रूमानी है, समज भी शायद, न आये बोली, पर सुनानेवालो को, वही सुनानी है, हिंदी हो या हो उर्दू, दोनों बहन ही तो है, दोनों बहनों की मुहब्बत, सदियों पुरानी है || नीशीत जोशी 17.09.13

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