રવિવાર, 6 માર્ચ, 2016

बदल गये !

अल्फाज़ बदल गये, जज्बात बदल गये, न जाने क्या हुआ के, खयालात बदल गये, रक्खी थी उम्मीदें, टूटेगी खामोशी एकदिन, नम आँखो से उठे, सवालात बदल गये, दे कर हसीन लम्हा, बदल दी दुनिया तुमने, हश्र हुआ है यह के, मेरे दिनरात बदल गये, दिखा के रास्ता मुझे, छोड दिया था अकेले, मिली न मंझिल कोई मगर, सिरात बदल गये, खुश था मैं बहुत, तेरे शहर में आने से पहले, पीठ पे खाये ज़ख्म,और हालात बदल गये ! नीशीत जोशी 24.02.16

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