રવિવાર, 27 માર્ચ, 2016
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिन पर कोशिश
कमजोर नहीं तू,
सहना तेरी कमजोरी है,
तुझ पे ढायेंगे सितम,
जब तक तू भोली है,
उठ खडी हो,
दिखा दे अपनी ताकत को,
कह दे,
कर सकती हूँ सब कुछ,
मेरे में भी मर्दानी है,
मर्दो ने ही,
बंदी रखा था,
कफस में औरत को,
अब उन सब बाते में
कुछ न आनीजानी है,
पाल रखा था,
गुरूर झुठा मर्दो ने,
अपने जहन में,
कहते थे,
औरत की जगह,
सिर्फ चार दिवारी है,
हौसलो से,
तुम भी पा सकती हो,
बुलंदी खुद की,
हर इल्म है तुझे में,
ताकत बस यही आजमानी है !!
नीशीत जोशी 08.03.16
આના પર સબ્સ્ક્રાઇબ કરો:
પોસ્ટ ટિપ્પણીઓ (Atom)
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો