શનિવાર, 15 સપ્ટેમ્બર, 2012

"शीर्षक अभिव्यक्ति" में उनवान पर रचना...***परीक्षा /इम्तेहान/आजमाइश/कसौटी/जांच/जायजा/परख/आंकना/परीक्षण/मुआयना*** पर मेरी कोशिश

इम्तिहान दे के उसका नतीजा सुन लिया करो, जैसा भी हो नतीजा उसको स्वीकार किया करो, जैसी करी होगी तैयारी वैसा ही आएगा नतीजा, औरो को अपनी गलतियो का दोष न दिया करो, दिल को तस्सली दे देते हो इम्तिहान के बाद में, सिर्फ तस्सली पर रख कर भरोषा ना जिया करो, आत्महत्या कोई विकल्प नहीं, वो है बुद्जीली, आत्मविश्वाश बढ़ा कर आये गम को पीया करो, महेनत करो, आयेगा अपने आप सामने नतीजा, जिन्दगी के हर इम्तिहान का सामना किया करो ! नीशीत जोशी 11.09.12

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