
समय आ गया है युग, अब आकार लो,
अत्याचारों से तुम ही अब प्रतिकार लो,
आतंकवाद के डर से समाज जी रहा है,
उसे नाश करने वो शक्ति से अधिकार लो,
दिए थे जैसे शक्ति को देवो ने कई अश्त्र,
तुम भी आतंक नाथने अश्त्र स्वीकार लो,
फरिस्तोके भेष में आतंकी पल बढ़ रहे है,
कुछ करने वास्ते तुम कुछ अंगीकार लो,
हम सब साथ तेरे, देंगे पूर्ण सहयोग तुजे,
बनके कृष्ण तुम इन कंशो से प्रतिकार लो !
नीशीत जोशी 12.09.12
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો