સોમવાર, 12 સપ્ટેમ્બર, 2011
कभी तुमभी तो
कभी तुमभी तो मेरे बारेमे सोचते होंगे,
कभी हमभी तो तेरे ख्वाबमे बसते होंगे,
लाख छुपाओ छुपा न पाओगे यह प्यार,
कभी हमभी तो उन आंखोमे रहते होंगे,
अश्ककी लहरे जब दौडती होगी नयनोसे,
कभी उन अश्कोसे हमभी तो बहते होंगे,
पतजड जानेसे खीलते है बागोमे वो फुल,
कभी तुमभी तो वसंतमें फुल बनते होंगे,
माना दोनो किनारे न मिल पाते है कभी,
कभी तन्हाईमें दिल ढुंढने भटकते होंगे,
दुरी सही, फिरभी प्यार बरकरार रखा है,
कभी तुमभी नजदीया पाने तरसते होंगे ।
नीशीत जोशी 10.09.11
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