
छु लेते है तो मुरजा जाती है,
बात करले तो शरमा जाती है,
कहना बहोत चाहती है वोहभी,
सबके सामनेतो गभरा जाती है,
प्यार किया हे निभाये बखुबीसे,
कोइभी बहाने मुश्करा जाती है,
जबसे दिखा दिया आयना मैने,
चांदनीको देखने दुबारा जाती है,
आज प्यार पानेकी खातीर वोह,
मीलनेके वास्ते बेपरवा जाती है ।
नीशीत जोशी 07.09.11
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