સોમવાર, 12 સપ્ટેમ્બર, 2011
छु लेते है तो
छु लेते है तो मुरजा जाती है,
बात करले तो शरमा जाती है,
कहना बहोत चाहती है वोहभी,
सबके सामनेतो गभरा जाती है,
प्यार किया हे निभाये बखुबीसे,
कोइभी बहाने मुश्करा जाती है,
जबसे दिखा दिया आयना मैने,
चांदनीको देखने दुबारा जाती है,
आज प्यार पानेकी खातीर वोह,
मीलनेके वास्ते बेपरवा जाती है ।
नीशीत जोशी 07.09.11
આના પર સબ્સ્ક્રાઇબ કરો:
પોસ્ટ ટિપ્પણીઓ (Atom)
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો