
उनसे मीलनेसे एक सुरुर होता है,
सुबहका ख्व्वाब पुरा जरुर होता है,
सीख लिये थे प्यार करनेके तरिके,
न सीखाया बेवफाई कसुर होता है,
प्यारकी हर बात अटकी जुबान पर,
न बोलना कुछभी तो गुरुर होता है,
तसव्वुरमे ही सही महोब्बत करलो,
न कर सके वो इन्सां गभरु होता है,
यह प्यारकी राहे होती है कांटो सी,
खुन बहे हर कदम पे मंजुर होता है,
मीले जीसे, मील गयी बादसाहीयत,
इन नफरतोके बीचका हुजुर होता है,
प्यार करके इतना तो जान ही लिया,
तेरे साथ मेराभी नाम मशहुर होता है ।
नीशीत जोशी 24.09.11
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો