રવિવાર, 22 જુલાઈ, 2012
बारिस में
मिली मुझे एक हसीं परी बारिस में,
भींजने की आयी मस्ती बारिस में,
खिलखिला के वोह हसती रही देख,
जब उड़ चली मेरी छतरी बारिस में,
देख के उस भिजती हुई कमसिन को,
दिल में अजीब लहर उठी बारिस में,
करिश्मा कहू या कहू उसे इत्तफाक,
नज़रो से नज़रे लड़ पड़ी बारिस में,
पलभर में हो गए एक दूजे के लिए,
इबादत शायद रंग लायी बारिस में,
वो प्यार की चढ़ी खुमारी बारिसमें,
उनसे हो गयी मूहोब्बत बारिस में |
नीशीत जोशी 16.07.12 …
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