तेरी हर तमन्ना हो जाये पुरी यही ख्वाईश है मेरी,
मेरे नबी न करना कोई देरी यही फरमाईश है मेरी,
हर जनम तेरे लिये,मिले तेरा ही साथ मुजे हरदम,
रिस्ता बना लिया है ऐसा,बंधनसे बांधा तुजे हरदम,
जलनेवालो को छोडो,तोहिन करते ही रहेंगे वो सदा,
मजबुत दोरसे बंधे हम,न छुट पायेगे एकदुजे हरदम,
महोब्बत करते है अब प्यारकी अजमाईश है मेरी,
ईम्तिहां पार करा देगा तेरी,रखी गुंन्जाईश है मेरी,
तेरी हर तमन्ना हो जाये पुरी यही ख्वाईश है मेरी,
मेरे नबी न करना कोई देरी यही फरमाईश है मेरी,
दिलोजान से महोब्बतका एक फरमान लिये फिरता हूं,
अपने ही अंदर ख्वाईशोका सो अरमान लिये फिरता हूं,
मुजे न दे ना सही पर उनकी तमन्ना पुरी की मुराद है,
सुबह शाम तेरे सजदेमें उसका निरमान लिये फिरता हूं,
आयनाको दिखाके दिदार करनेकी नुमाईश है मेरी,
ए खुदा,परदा हटाके दिखानेकी दिलेख्वाईश है मेरी,
तेरी हर तमन्ना हो जाये पुरी यही ख्वाईश है मेरी,
मेरे नबी न करना कोई देरी यही फरमाईश है मेरी ।
नीशीत जोशी 10.10.11
બુધવાર, 19 ઑક્ટોબર, 2011
આના પર સબ્સ્ક્રાઇબ કરો:
પોસ્ટ ટિપ્પણીઓ (Atom)
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો