ગુરુવાર, 6 ઑક્ટોબર, 2011
फरमाईश
जब भी तेरी फरमाईश आयेगी,
ये कलमकी अजमाईश आयेगी,
मुद्दतसे विरह पर ही लिखा मैने,
अबसे प्यारकी गुजारीश आयेगी,
महोब्बतने सिखाया प्यार बांटना,
दिलसे प्यारकी सिफारीश आयेगी,
बेनाम हुए फिरते थे अबतलक यहां,
नकाब हटके दिले नुमाईश आयेगी,
अपनोके लिये तो जो कहे निछावर,
प्यार बांटनेकी दिलेख्वाईश आयेगी ।
नीशीत जोशी 02.10.11
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