
उची ऊडानकी ख्वाईश करते हो तुम,
अभी बच्चे हो नुमाईश करते हो तुम,
बेटे यह दुनिया है शोहरतमंद लोगोकी,
ये दुनियाकी अजमाईश करते हो तुम,
आस्तीनमें आतंक पाला है सरफिरोने ,
और शांती की फरमाईश करते हो तुम,
गलीके बेताज बादशाह वास्ते वोट दे के,
आका बनानेकी शिफारीश करते हो तुम,
हर नियम चलाते है अपनी ही मरजीसे,
उसीसे न्यायकी गुजारीश करते हो तुम ।
नीशीत जोशी 30.09.11
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