महोब्बत एक जोशे जवानी है,
ये रुह महोब्बतकी दिवानी है,
प्यार है फिर भी शरमाती है,
ये आंखो की अपनी जुबानी है,
इजहार को बहोत ईतराती है,
न मालूम यह कैसी नादानी है,
नयी सूबह राह नयी सुजाती है,
एक महोब्बतकी राह सुहानी है,
प्यारकी पुकार अनायस आती है,
बादमे उनके नाम जीन्दगानी है,
सैलाब आने पे सवाल सुनाती है,
क्या यह हकीकत है या कहानी है ?
नीशीत जोशी 31.10.11
સોમવાર, 31 ઑક્ટોબર, 2011
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