वोह आते आते रुक क्यों गये?
वोह जाते जाते रुठ क्यों गये?
हमने सिर्फ मांगी थी तस्वीर,
वोह देते देते युं तुट क्यों गये?
ख्वाईश तो और भी कर लेते,
पुरी करते करते घुट क्यों गये?
पीने जो बैठे थे जामे प्यारके,
पीतेपीते हाथसे छुट क्यों गये?
आंखोने बहाई झील आंसुकी,
रोतेरोते झील युं सुक क्यों गये?
मुलाकात थी ईजहारे प्यारकी,
बैठेबैठे अचानक उठ क्यों गये?
नीशीत जोशी 04.10.11
ગુરુવાર, 6 ઑક્ટોબર, 2011
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