ગુરુવાર, 19 ફેબ્રુઆરી, 2009

नजर चाहती है दिदार करना,
और दिल चाहता है प्यार करना,
पर अपने दिल की दास्तान कीससे कहु 'निशित',
नसीब मै जब लीखा है ईन्तजार करना..........

नीशीत जोशी

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