શુક્રવાર, 20 ફેબ્રુઆરી, 2009

मोहन से प्रेम लगाया है यह मै जानु या वो जाने,
किस बातसे दिल घबराया है यह मै जानु या वो जाने,
जगकी मुजको परवाह नही , अब तेरे सिवा कोइ चाह नही,
यह सोच के मन हरखाया है यह मै जानु या वो जाने,
में जनम जनम से प्यासा हुं अपने मोहन का दास हुं,
मोहन ने भी अपनाया है यह मै जानु या वो जाने.....

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