શુક્રવાર, 20 ફેબ્રુઆરી, 2009

मुजे तेरी आरजु , मुजे किसकी तलाश होगी,
क्या तुम तभी आओगे जब कफन से लीपटी मेरी लाश होगी..


न जाने होने लगी है तुमसे पहले मोतकी घडीया,
ये जीवन युंही बिता जा रहा है क्या तुम न आओगे,
नीगाहे ख्वाबमे तेरा आना न आना एक बराबर है,
बहारो का महीना जा रहा है क्या तुम न आओगे,
कभी सोचो कभी समजो पपीहे के इशारे को,
ये तबसे पीयु पीयु गा रहा है क्या तुम न आओगे,
आवाज कोयलकी आती है समजता हुं तुम्हारी है,
यह दिल मुद्दतसे धोखा खा रहा है क्या तुम न आओगे...

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