
મંગળવાર, 20 ડિસેમ્બર, 2016
यूं तेरा कुछ गुनगुनाना याद है

जानता हूँ कि मुझसा मिलेगा नही

कभी कोई कभी कोई

गज़ल की ये कैसी इबारत हुई है !

मिला है ये तजुर्बा आशकी से !

करोगे याद तो हर बात याद आएगी

नहीं कमजोर तू

અહીં તે દુ:ખ નો અધ્યાય પણ વંચાય છે શું?

वो कभी तन्हा सफर में खो गए

રવિવાર, 20 નવેમ્બર, 2016
पैसा कहीं काला नहीं होगा

पहले मुहब्बत कर
यह ग़ज़ल ही जिंदगी का सार है

हर तरफ चर्चा रहा अपनी मुहबब्त का

कभी हम भी मनाते थे

दिल भी बेचैन सा लगे हर पल

वो आ के बज़्म में, अपनी ग़ज़ल सुनाने लगे !

રવિવાર, 23 ઑક્ટોબર, 2016
वस्ल का वादा नहीं हुआ

समझूँगा

आँखो से पिलाना आ गया

हिज्र के ग़म को बढ़ा कर वो गए

जब रहा इश्क़ सिर्फ बातों का,
झख्म हमने सहे बराबर से !
वो हज़ारो हसरतों के सामने लाचार था !

હાથ ખાલી હતા સિકંદરના
अँधेरी जिंदगी में देर तक अच्छा नहीं होता !

બુધવાર, 21 સપ્ટેમ્બર, 2016
फुरकत से भी हम तो, ऐसे फुरसत में है

भीगते है साथ हम उसका निभाने के लिए

कुछ लोग
મંગળવાર, 13 સપ્ટેમ્બર, 2016
न जाना तेरा प्यार, पाने से पहले

नहीं होगी कमी

आँख भर आई

રવિવાર, 28 ઑગસ્ટ, 2016
अंधेरो को मिटा कर देखते है

સૌ મિત્રો ને જન્માષ્ટમીની હાર્દિક શુભેચ્છા....

દિવસ આવશે જરૂર

यहां हैं औरतेँ हयबत

तुझे ही जमाने में, अपना देखा

રવિવાર, 14 ઑગસ્ટ, 2016
कहाँ कहाँ

दिल की बस्ती अजीब बस्ती है
રવિવાર, 7 ઑગસ્ટ, 2016
ये जरूरी तो नही है

મનાવું છું તને, પણ વાર લાગે છે

हर मुज़ामत को हम पार कर लेंगे

तुम्हारा इम्तिहान भी है क्या?

શનિવાર, 23 જુલાઈ, 2016
न कोई आरजू है अब,न कोई जुस्तजू है अब

वो तन्हाई के आलम में
1222 1222 1222 1222
मिले ग़म रात के आते, वो तन्हाई के आलम में,
अकेले रह नहीं पाते, वो तन्हाई के आलम में
निदा कर के बुला लेना मुझे तुम जब भी जी चाहे,
न ताखीर हो मेरी आते, वो तन्हाई के आलम में,
मेरे दिल को सुकूँ होता, मुझे लगती नहीं दूरी,
तुम्हे ही हम अगर पाते, वो तन्हाई के आलम में,
सफर मुमकीन नहीं है यूँ, अकेले अब मेरा ऐसा,
मेरे तुम दोस्त बन जाते, वो तन्हाई के आलम में,
वो ग़म ने फिर पहुँचाया है,मुझको आसमाँ तक अब,
मुझे फिर ग़म कहाँ लाते, वो तन्हाई के आलम में !
नीशीत जोशी
(निदा=sound, ताखीर=delay) 18.07.16
हमें दिल लगाने कि फुर्सत कहाँ है

जहाँ भी आब हो मुझको सराब लगता है

आँखें मगर आंसू मेरे, बहने नहीं देती कहीं

हम मुहब्बत में कहाँ तक आ गए

जिंदगी से अब तेरी, कोई निभायेगा नहीं

શનિવાર, 25 જૂન, 2016
सभी दोष उसकी जवानी में था !

કાઢશો શીશા એ દિલનો, વારો હવે ?

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