
બુધવાર, 23 ડિસેમ્બર, 2015
दूरीयाँ बना के रक्खो

મંગળવાર, 15 ડિસેમ્બર, 2015
માધવ કદી સમજાય છે ખરો?

कभी ऐसा भी तो हो.....

કારણ મને ગમે છે

आया कैसे

મારે તમારા પ્રેમમાં પડવું છે

बनी होगी जब वो ग़ज़ल

રવિવાર, 29 નવેમ્બર, 2015
અદભુત છે આ પ્રણયની વાતો
कभी हमें अपना बना लिया करो

आओ मिलके जश्न मनाते है
आयी जो उनकी याद तो

मुझे तुम प्यार बेशुमार करते हो
कभी इकरार करते हो, कभी इन्कार करते हो,
मगर यकीं है तुम, मुझसे ही प्यार करते हो,
कभी आँखों में आसु, कभी रुख पे तबस्सुम है ,
अपनी हर अदाओं से, मेरा जीना दुस्वार करते हो,
कभी ख़ामोशी ओढ़े हो, कभी बेसबब बतियाना ,
खबर मुझको है, तुम हम पे जाँ निसार करते हो,
अदावत है या कहे वफ़ा, हम तो कायल है तेरे ,
नश्तर से नहीं, तुम तो नजरों से वार करते हो,
कभी रुठ के, फिर तेरा यूँ यकायक मान जाना,
जताता है की, मुझे तुम प्यार बेशुमार करते हो !!
नीशीत जोशी 16.11.15
वो समझे हम दिवाने है
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कर ली हमने जो हँस के बात, वो समझे हम दिवाने है,
कर ली हमने जो मुलाकात ,वो समझे हम दिवाने है,
दे दी हमने थोडी ज्यादा तव्वज़ो,यही गलती थी शायद,
भूलायी जो अपनी औकात, वो समझे हम दिवाने है,
सुना है दोस्त के दोस्त, अपने भी दोस्त होते है,
उन्ही से जित के खायी मात, वो समझे हम दिवाने है,
रह न पाये खामोश, जब बैठे थे मुहिब्ब साथ में,
काटी जो गुफ्तगू में रात, वो समझे हम दिवाने है,
सुनते रहे वह और हम सुनाते रहे, दिल की दास्ताँ,
उठे जाने कितने सवालात, वो समझे हम दिवाने है !
नीशीत जोशी 06.11.15
બુધવાર, 4 નવેમ્બર, 2015
કેમ છીએ અમે

हमारे दरमीयां अब भी, थोडा प्यार तो बचा होगा

सभी मेरे अपने थे

इश्क की किताब दे

प्यार हो जायेगा

બુધવાર, 21 ઑક્ટોબર, 2015
क्यों दिल में परेशानी है

नहीं होना, तन्हा मशहूर मुझ को

પડીને પ્રેમમાં

क्यों दिल से लगा रक्खा है

दर्द को लिखते लिखते

આપેલા ઝખ્મો ગણી લઈએ

ऐसे तो बाहों में थी मेरी

શુક્રવાર, 2 ઑક્ટોબર, 2015
कहने को बहुत है मगर

ग़ज़ल का कोना लिखना

याद आएगी

चाहते है

રવિવાર, 20 સપ્ટેમ્બર, 2015
जरूरी तो नहीं
हर वाकिया हर किसीको बताया जाए जरूरी तो नहीं,
किसी पराये को अपना बनाया जाए जरूरी तो नहीं,
राह चलते नजरें तो बहोतो से चार होती होगी मगर,
हर किसीके साथ इश्क फरमाया जाए जरूरी तो नहीं,
आता नहीं काम कोई फिर भी समझे आरिफ खुद को,
हर करतब उनसे ही करवाया जाए जरूरी तो नहीं,
कोई अमीर है कोई है गरीब अपने नसीब से मगर,
गुनाहगार खुदा को ही बताया जाए जरूरी तो नहीं,
गर हो शामिल सुख में, तो दु:ख में भी होना चाहीए,
सभी को मशवरा ये समझाया जाए जरूरी तो नहीं !!
नीशीत जोशी 19.09.15
हमने आश लगा रखी है

લાગી છે લગન તારા નામની

मेंरा पेशा था हसाने का

મનથી મનને બાંધતી, કોઈ તો સાંકળ હશે.

શનિવાર, 5 સપ્ટેમ્બર, 2015
उड़ जायेगा जरूर

शे'रो में कहानी लिखी थी

શનિવાર, 29 ઑગસ્ટ, 2015
रक्षाबंधन

પ્રેમ થઇ ગયો

अपनी जिंदगी निसार दी

લે જીવી જા મારી તુ જીંદગી

શનિવાર, 22 ઑગસ્ટ, 2015
आईना मगरूर हो गया

કેવાકેવા અનુભવો થાય છે

किधर है ?

15 th August

पाकिस्तान के सभी भाईओ को स्वतंत्रता दिन कि शुभ कामना
पाकिस्तान के सभी भाईओ को स्वतंत्रता दिन कि शुभ कामना !!
कभी तो हम साथ साथ थे,
आज भी हम दिल से साथ है,
पर सियासतदान क्यो सुने,
हथकंडे है कुर्सी बचाने के,
खींची है दरमियाँ दिवार भी,
रोक न पायेंगे प्यार करने से,
आतंकी आग दोनो तरफ है,
फिर दोष क्यो एकदुसरे पे,
हम है एक ही मिट्टी के,तो,
परहेज़ क्यो दोस्त कहने से !!
नीशीत जोशी 14.08.15
मेरा बेहाल और है

શનિવાર, 8 ઑગસ્ટ, 2015
होगा जमाने को असर इक दिन

હવા તું ધીમી થા

जान ले लेगी किसी दिन ये शरारत आपकी

यहाँ लोग, सिर्फ चहरे की, सबाहत जानते है

હંકારો હોડી તમે કિનારે કિનારે

વિરહ ની કદર થઇ જવા દો
दिल था कमजोर, टूट गया तो टूट गया

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